राजनीतिक स्कॉलरशिप संस्थान
२० अप्रैल २०११राजनीतिक फाउंडेशन सिर्फ अच्छे ग्रेड्स पर ध्यान नहीं देतीं बल्कि वे सामाजिक रुचियों के बारे में भी सोचती हैं. इसलिए जो लोग स्कॉलरशिप के लिए चुने जाते हैं वे पढ़ाई के अलावा भी बहुत सारे फायदों की उम्मीद कर सकते हैं. फाउंडेशन खास तरह की ट्रेनिंग मुहैया कराती हैं ताकि छात्रों को उनके करियर और पढ़ाई में मदद मिल सके.
कोनराड आदेनावर फाउंडेशन
आदेनावर फाउंडेशन जर्मनी में फिलहाल सत्ताधारी पार्टी क्रिश्चन डेमोक्रैटिक यूनियन पार्टी से जुड़ी है. यह फाउंडेशन जर्मनी में पढ़ने वाले छात्रों को हर स्तर पर मदद देती है. मसलन वे डिग्री करते हुए, पोस्ट ग्रैजुशएन करते हुए या फिर पीएचडी कोर्स के दौरान भी मदद पा सकते हैं. फाउंडेशन उम्मीद करती है कि इसकी स्कॉलरशिप पाने वाले छात्र अपने देश में सामाजिक और सार्वजनिक क्षेत्र में काम करेंगे. हालांकि यह फाउंडेशन मेडिकल या अप्लाइड साइंस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को मदद नहीं देती.
फ्रीडरिष एबर्ट फाउंडेशन
यह फाउंडेशन जर्मनी की सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी से जुड़ी है. यह मुख्य तौर पर जर्मन यूनिवर्सिटियों में डिग्री या डॉक्टरेट कर रहे छात्रों को मदद उपलब्ध कराती है. अंडरग्रैजुएट छात्र इसकी स्कॉलरशिप के लिए तभी अप्लाई कर सकते हैं जब वे जर्मनी में पढ़ाई शुरू कर चुके हों. ग्रैजुएट स्टूडेंट्स को बस यही दिखाना होता है कि यूनिवर्सिटी ने उनकी अर्जी मंजूर कर ली है. लेकिन इसके लिए विदेशों से अप्लाई नहीं किया जा सकता. यानी जर्मनी आकर ही अप्लाई करना होगा. साथ ही जर्मन भाषा की अच्छी जानकारी भी एक शर्त है.
एबर्ट फाउंडेशन हर साल 40 स्कॉलरशिप देती है. अफ्रीका, एशिया, दक्षिण अमेरिका और मध्य व पूर्वी यूरोप के देशों के छात्र खासतौर पर इसके केंद्र में रहते हैं.
फ्रीडरिष नौमान फाउंडेशन फॉर फ्रीडम
यह फाउंडेशन जुड़ी है जर्मनी की फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी से और यह उन छात्रों की मदद करती है जो डिग्री या दो साल के पोस्ट ग्रैजुएट कोर्स के लिए जर्मनी आते हैं. पीएचडी छात्रों के लिए भी कुछ स्कॉलरशिप उपलब्ध हैं लेकिन इसके लिए शर्त यह है कि रिसर्च का विषय सामाजिक महत्व का होना चाहिए.
अपने क्षेत्र में शानदार रिकॉर्ड, विश्वसनीयता, उत्साह और सामाजिक जिम्मेदारियां उठाने की इच्छा इस स्कॉलरशिप के लिए सबसे जरूरी शर्तें हैं. फाउंडेशन उन छात्रों को प्राथमिकता देती है जो जर्मनी में की गई पढ़ाई का फायदा अपने देश में हालात सुधारने में उठाना चाहते हैं.
हाइनरिष बोएल फाउंडेशन
यह जर्मनी की ग्रीन पार्टी की फाउंडेशन है. इसका मुख्य काम लोकतंत्र, इकोलॉजी, अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और अहिंसा से संबंधित है. यह हर साल 80 से 100 स्कॉलरशिप मुहैया कराती है. अपने क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने वाले जर्मन और विदेशी छात्रों को यह मदद देती है. लेकिन छात्रों को स्कॉलरशिप पाने के लिए यह दिखाना होता है कि वे संगठनात्मक जिम्मेदारियां उठाने को तैयार हैं.
इस स्कॉलरशिप के लिए वही छात्र अप्लाई कर सकते हैं जो किसी जर्मन यूनिवर्सिटी के छात्र हों और अपनी पढ़ाई का पहला हिस्सा पूरा कर चुके हों.
हान्स साइडेल फाउंडेशन
साइडेल फाउंडेशन बावेरिया की क्रिश्चन डेमोक्रैटिक पार्टी से जुडी है. यह राष्ट्रीय सीडीयू पार्टी की ही एक शाखा है. यह 32 साल तक के योग्य छात्रों को स्कॉलरशिप देती है. लेकिन स्कॉलरशिप पोस्टग्रैजुएशन कर रहे उन्हीं छात्रों को दी जाती है जिनके ग्रेड्स बहुत अच्छे हों और जो जर्मन भाषा की अच्छी जानकारी रखते हों. साथ ही उनकी सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी भी होनी चाहिए.
इस फाउंडेशन की उम्मीद होती है कि अप्लाई करने वाले छात्र क्रिश्चन दर्शन से इत्तेफाक रखते हों. इस फाउंडेशन की दुनियाभर में शाखाएं हैं और छात्र वहां से भी जानकारियां हासिल कर सकते हैं.
रोजा लग्जमबर्ग फाउंडेशन
यह एक राजनीतिक शिक्षण संस्थान है जो जर्मनी की लेफ्ट पार्टी से जुड़ा है. इसका मकसद लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना है. पिछले 10 साल से यह संस्था जर्मनी में पढ़ाई कर रहे छात्रों को मदद दे रही है. पढ़ाई में अच्छा रिकॉर्ड रखने वाले और सामाजिक स्तर पर बढ़ चढ़कर गतिविधियों में भागीदारी लेने वाले छात्र इस मदद के लिए अप्लाई कर सकते हैं. यहां महिलाओं और अपंग छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है. हालांकि इसके लिए काबिलियत से समझौता नहीं किया जाता. तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्रों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी यहां तवज्जो मिलती है.
हान्स बोएकलर फाउंडेशन
यह फाउंडेशन जुड़ी है जर्मनी की फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स से. इसका काम भी ऐसे छात्रों की मदद करना है जो सामाजिक तौर पर सक्रिय हैं. विद्वानों, यूनियनों और कामगारों के बीच संवाद और विचारों का आदान प्रदान इस फाउंडेशन के लक्ष्यों में से एक है. फाउंडेशन ऐसे छात्रों की तलाश करती है जो पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर हैं. जिन लोगों ने डिग्री के लिए पढ़ाई करने से पहले थोड़ा बहुत काम किया है, उनके लिए यह स्कॉलरशिप पाने के मौके काफी ज्यादा हैं.
रिपोर्टः क्लाउडिया उन्सेल्ड/विवेक कुमार
संपादनः ओंकार सिंह जनौटी