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मध्य पूर्व: शांति के लिए बाइडेन पर दबाव

१९ मई २०२१

इस्राएल और हमस के बीच हिंसक संघर्ष को अब दो हफ्ते होने वाले हैं लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की प्रतिक्रिया बहुत संभली सी रही है, जिसे जानकार अमेरिका की पुरानी नीति का ही एक रूप मान रहे हैं.

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Bildkombo Netanjahu und Joe Biden

इस्राएल ने जब गजा पर बम बरसाने शुरू किए तो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस्राएल के आत्मरक्षा के अधिकार का बचाव किया. फिर उन्होंने इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतनयाहू से युद्धविराम की अपील की. असल में ये दोनों ही बातें इस्राएल को अपनी कार्रवाई जारी रखने के लिए और समय देने में सहायक सिद्ध हुई हैं. इस मामले के जानकार कहते हैं अमेरिकी नेताओं को उम्मीद है कि एक समय पर दोनों ही पक्ष युद्ध विराम के लिए राजी हो जाएंगे.

और मिस्र जैसे पक्षों के जरिए अंदरखाने चल रही कूटनीति इसमें सहायक साबित होगी. लेकिन ऐसा ना हुआ, और संघर्ष बढ़ने से ज्यादा जानें गईं तो बाइडेन के संभलकर चलने की नीति मुश्किल में पड़ सकती है. मध्य पूर्व में शांति वार्ता के लिए रिपब्लिकन और डेमोक्रैट्स दोनों ही सरकारों में मध्यस्थ रह चुके ऐरन डेविड मिलर कहते हैं कि मौजूदा सरकार भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही है लेकिन कुछ अप्रत्याशित की गुंजाइश हमेशा रहती है.

जनवरी में सत्ता संभालने के बाद से बाइडेन ने स्पष्ट कर दिया था कि उनका ध्यान महामारी और अर्थव्यवस्था पर रहेगा. विदेशी नीति में चीन, रूस और ईरान ही उनकी प्राथमिकता थे. अमेरिकी राष्ट्रपतियों को दशकों से परेशान करता आया इस्राएल-फिलीस्तीन विवाद उनकी प्राथमिकताओं में ही नहीं था. हालांकि उन्होंने अपने पूर्ववर्ती डॉनल्ड ट्रंप की कुछ नीतियों में फेरबदल का वादा किया था जो कि बहुत ज्यादा ही इस्राएल के पक्ष में मानी जाती थीं.

Israel - Palästina-Konflikt
18 मई को गजा पट्टी की तरफ एक होवित्जर तोप से गोले दागते हुए इस्राएली सिपाही.तस्वीर: Menahem Kahana/AFP/Getty Images

दक्षिणपंथी नेता नेतनयाहू ने ट्रंप के साथ अच्छी समझ कायम कर ली थी और बाइडेन ने तो उनसे शुरुआती कई हफ्तों तक बात भी नहीं की थी. इसलिए हाल में जब गजा में बम बरसने लगे तो नई अमेरिकी सरकार सोते से जगी. बाइडेन लंबे समय से इस्राएल के समर्थक रहे हैं. सेनेटर के तौर पर भी और ओबामा प्रशासन में उप राष्ट्रपति रहते हुए भी. इस बार भी उन्होंने शुरुआत इस्राएल के आत्मरक्षा के अधिकार की वकालत के साथ की. यही बात उनके पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति कहते रहे हैं.

लेकिन यह तब हो रहा है जबकि अमेरिका ईरान के साथ परमाणु समझौते पर वापसी कर रहा है और इस्राएल अपने हितों के मुताबिक उसे लेकर चिंतित है. इस्राएल ने जब गजा में असोसिएटेड प्रेस और अलजज़ीरा के दफ्तरों पर हमला किया, तब जाकर बाइडेन ने युद्ध विराम की बात कही. लेकिन जाहिर हो गया था कि वह इस्राएल को नाराज नहीं करना चाहते थे क्योंकि उन्होंने इस्राएल से युद्ध विराम की मांग नहीं की थी.

प्रगतिशील धड़े का दबाव

फिलीस्तीनी उग्रवादी संगठनों और इस्राएल के बीच मौजूदा संघर्ष हाल के वर्षों में सबसे ज्यादा हिंसक और तीव्र है. और इस बार तो संघर्ष गजा से बाहर इस्राएल के शहरों तक पहुंच गया है जहां अरब और यहूदी संघर्षरत हैं. गजा के स्वास्थ्य अधिकारी बताते हैं कि फिलीस्तीन में 63 बच्चों समेत 217 लोग मारे गए हैं और 14,00 से ज्यादा घायल हैं. उधर इस्राएल में दो बच्चों समेत 12 लोगों की जान गई है.

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वेस्ट बैंक के नाबलस शहर में इस्राएली सिपाहियों का विरोध करता एक फलस्तीनी प्रदर्शनकारी.तस्वीर: Jaafar Ashtiyeh/AFP/Getty Images

दोनों पक्षों के हताहतों की संख्या में फर्क ने अमेरिका में डेमोक्रैट पार्टी के उस प्रगतिशील धड़े को सक्रिय किया है जिसने पहले पार्टी नामांकन और फिर चुनाव जीतने में बाइडेन की मदद की थी. यह धड़ा चाहता है कि बाइडेन इस्राएल पर सख्ती दिखाएं. अमेरिकी सांसद रो खन्ना कहते हैं, "फौरन युद्ध विराम की जरूरत है. राष्ट्रपति इसे जोर देकर कहना होगा. सिर्फ इतना कहना काफी नहीं कि हम इसका समर्थन करते हैं.”

वैसे अब तक तो बाइडेन ने ऐसे कोई संकेत नहीं दिए हैं कि वह इस मांग के सामने झुकने वाले हैं. और वामपंथी झुकाव वाले डेमोक्रैट्स भी इस मुद्दे पर भिड़ने के मूड में नहीं दिखते. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की विदेश मामलों की समिति की सोमवार को बैठक हुई जिसके बाद कुछ सदस्यों ने कहा कि समिति के अध्यक्ष सांसद ग्रेगरी मीक्स बाइडेन को एक पत्र भेजकर इस्राएल को 735 मिलियन डॉलर के स्मार्ट बम की बिक्री रोकने को कहेंगे. लेकिन मीक्स ने बाद में अपना मन बदल लिया.

बाइडेन सरकार पर हमले

उधर रिपब्लिकन पार्टी गजा विवाद को बाइडेन सरकार पर हमले के लिए हथियार बना रही है. इस्राएल समर्थक वोटर रिपब्लिकन पार्टी के लिए मजबूत आधार हैं लेकिन वे कई डेमोक्रैट्स और निर्दलीय सांसदों को भी वोट देते हैं. सेनेट में अल्पमत के नेता मिच मैकॉनल ने कहा है कि जो भी युद्धविराम की वकालत करता है वह दरअसल दोनों पक्षों को नैतिक रूप से बराबर रख रहा है, यानी इस्राएली और हमस की बराबरी जबकि हमस को अमेरिका एक आतंकी संगठन मानता है.

Ausschreitungen und Proteste in Ramallah I West Bank
वेस्ट बैंक के रमल्ला में इस्राएल के खिलाफ प्रदर्शन करते फलस्तीनी.तस्वीर: Issam Rimawi/AA/picture alliance

मैकॉनल कहते हैं, "ऐसे डेमोक्रैट्स बड़ी संख्या में हैं जो इस्राएल की बलि चढ़ाना चाहते हैं.” बाइडेन सरकार इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में भी अलग-थलग पड़ गई है. अमेरिका ने सुरक्षा परिषद को किसी भी तरह की कार्रवाई से रोक दिया और कूटनीति तेज करने की बात कही. लेकिन बाइडेन ने अब तक भी इस्राएल में अपने राजदूत के नाम का ऐलान नहीं किया है और मध्यम दर्जे के नेता डेप्युटी असिस्टेंट विदेश मंत्री हाएडी अम्र को ही भेजा है.

सूत्र बताते हैं कि बाइडेन सरकार आने वाले दिनों में गजा में राहत सामग्री भेजने और राहत अभियान चलाने की तैयारी कर रही है. लेकिन मंगलवार को जब बाइडेन एक दौरे पर मिशिगन पहुंचे तो उन्हें फिलीस्तीनी मूल की पहली अमेरिकी महिला सांसद राशिदा तालिब का सामना करना पड़ा, जो एक प्रगतिशील डेमोक्रैट हैं. उनके एक नजीदीकी के मुताबिक उन्होंने राष्ट्रपति से कहा, "फिलीस्तीनियों के मानवाधिकारों की सुरक्षा होनी चाहिए, मोलभाव नहीं.”

वीके/सीके (रॉयटर्स)

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