बुंडेसलीगा के यादगार लम्हे
जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा का 50 साल का इतिहास जोश खरोश, स्कैंडल और उपलब्धियों से भरा रहा है.
पहला गोल
जब बुंडेसलीगा की 1963 में शुरुआत हुई, तो पहला गोल होने में एक मिनट का वक्त भी नहीं लगा. बोरुसिया डॉर्टमुंड के टीम के कोनिएत्स्का ने ब्रेमेन के खिलाफ 58वें सेकेंड में ही गोल ठोंक दिया. अफसोस कि इस गोल की न कोई रिकॉर्डिंग है, न तस्वीर.
सबसे घटिया टीम
वित्तीय हेराफेरी के आरोप में हैर्था बर्लिन की टीम को 1965 में बुंडेसलीगा से निकाल दिया गया. इसके बाद तसमानिया 1900 को लीग में लाया गया. उसने लीग के मैचों में 15 गोल किए और 108 खाए. सीजन के अंत में वह आखिरी पायदान पर रही.
कुत्ते छोड़ दिए
डॉर्टमुंड और शाल्के के बीच सितंबर 1969 का मुकाबला भी अजीब रहा. एक गोल से पिछड़ने के बाद शाल्के के फैन्स ने मैदान पर कुत्ते छोड़ दिए, जिन्होंने फ्रीडेल राउश और गैर्ड नॉयजर को कूल्हे में काट लिया. राउश के शरीर पर जख्म के निशान आज भी हैं.
टूटा हुआ गोलपोस्ट
अप्रैल 1971 में लकड़ी के एक टुकड़े ने ब्रेमेन और मोएंचेनग्लादबाख के मैच में दखल दे दिया. एक्शन के दौरान गोलपोस्ट खराब हो गया और उसके मरम्मत की कोशिश भी नाकाम रही. मैच 1-1 पर रोक दिया गया. दोबारा हुए खेल में ब्रेमेन 2-0 से जीता.
फुटबॉल का स्कैंडल
अपने 50वें जन्मदिन पर किकर ऑफेनबाख के प्रेसीडेंट हॉर्स्ट कान्येलास ने मैच फिक्सिंग और रिश्वतखोरी की रिकॉर्डिंग वाली बातचीत सुना कर लोगों को हैरान कर दिया. इस स्कैंडल की वजह से 1970-71 सीजन के कई खिलाड़ियों और ट्रेनरों पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
इश्तिहार के दिन
पहली बार 1973 में बुंडेसलीगा में जर्सी पर विज्ञापन दिखे. ब्राउनश्वाइग की टीम जर्सी पर येगरमाइस्टर कंपनी के विज्ञापन के साथ मैदान पर उतरी. उसके बाद तो फुटबॉल में इश्तिहारों की झड़ी लग गई. 8 साल बाद कोई क्लब ऐसा नहीं था जिसकी जर्सी पर विज्ञापन न हो.
32 मिनट का हाफ
नवंबर 1975 में ब्रेमेन और हनोवर के बीच मुकाबला चल रहा था और रेफरी ने सिर्फ 32 मिनट बाद ही खेल ब्रेक होने की सीटी बजा दी. वजह यह थी कि मैच से पहले रेफरी वोल्फ-डीटर अलहेनफेल्डर पब में जश्न मना रहे थे और पूरी तरह होशोहवाश में नहीं थे.
सबसे बड़ी जीत
1978 के सीजन में कोलोन और मोएंचेनग्लादबाख की टीमें सबसे आगे चल रही थीं, लेकिन कोलोन गोल औसत बेहतर था. ग्लादबाख ने सारी कोशिश की और डॉर्टमुंड को 12-0 से हरा दिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. कोलोन ने अपना आखिरी मैच 5-0 से जीता और खिताब भी.
मैदान पर लहूलुहान
अगस्त 1981 का यह फाउल बुंडेसलीगा का सबसे चर्चित फाउल रहा. ब्रेमेन के नॉर्बर्ट जीगमन ने बीलेफेल्ड के एवाल्ड लीनन को लंगड़ी लगा दी, नतीजतन लीनन की जांघ करीब एक फुट फट गई. दोनों खिलाड़ियों में 30 साल मनमुटाव रहा.
ये कैसी पेनाल्टी
वैर्डर ब्रेमेन के मिषाएल कुटसॉप को 1985-86 के सत्र में 89वें मिनट में पेनाल्टी करनी थी. मैच बायर्न म्यूनिख के खिलाफ था. कुटसॉप का शॉट गोलपोस्ट में जा लगा. उन्होंने सीजन में 40 पेनाल्टी ली थी और 39 को गोल में बदला. पर एक नाकामी ने खिताब बायर्न को दिला दिया.
गोल का चक्कर
अप्रैल 1994 में न्यूरेम्बर्ग और बायर्न म्यूनिख के बीच मुकाबले में थोमास हेलमर का शॉट गोलपोस्ट के बगल में गया. लेकिन उसे गोल दे दिया गया. बायर्न 2-1 से जीत गई. न्यूरेम्बर्ग ने विरोध किया. मैच दोबारा हुआ और बायर्न 5-0 से जीता. सीजन के अंत में न्यूरेम्बर्ग लीग से बाहर हो गया.
गुस्से में कोच
बायर्न म्यूनिख के कोच ट्रापाटोनी ने 1998 में सबके सामने अपना गुस्सा प्रकट कर दिया. जब उन्होंने कहा, "कोच बेवकूफ नहीं होता है. खिलाड़ी खाली बोतल की तरह खेले." बाद में उन्होंने इशारा कर दिया कि वे जा रहे हैं और ऐसा ही हुआ.
विदेशियों की टीम
अप्रैल 2001 में पहली बार ऐसा हुआ, जब जर्मन फुटबॉल लीग की एनर्जी कॉर्टबुस की टीम में एक भी जर्मन खिलाड़ी शामिल नहीं था. वोल्फ्सबुर्ग के खिलाफ मुकाबला 0-0 से बराबर रहा, लेकिन यह मैच बुंडेसलीगा के इतिहास में शामिल हो गया.
उफ्फ ये हार, ये जीत
शाल्के की टीम ने 1958 के बाद पहली बार चैंपियन बनने की सोचकर जश्न मनाना शुरू कर दिया. लेकिन उन्हें पता नहीं था कि प्रतिद्वंद्वी बायर्न और हैम्बर्ग का मैच चल रहा था. जीत के लिए म्यूनिख की हार जरूरी थी. लेकिन उसने बराबरी कर ली. चैंपियनशिप उनका हुआ, शाल्के समर्थक रो पड़े.
बुरा चेहरा
हाल के दिनों में फैन की वजह से मैदान पर माहौल बिगड़ा है. हिंसा को रोकने के प्रयास हो रहे हैं.