1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बाबरी विध्वंस पर उपदेश न दे कांग्रेस: बीजेपी

६ अक्टूबर २०१०

बाबरी विध्वंस का मुद्दा बार बार उठने से भड़की बीजेपी ने कहा है कि अदालत इस मामले पर फैसला सुनाएगी और कांग्रेस को उपदेश देने से बाज आना चाहिए. कांग्रेस ने कहा है कि अयोध्या फैसले से बाबरी विध्वंस का केस कमजोर नहीं होता.

https://p.dw.com/p/PW9v
तस्वीर: UNI

अयोध्या फैसले को बेहतर ढंग से समझने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "यह कई बार कहा जा चुका है कि 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद ढहाने का मामला अलग से चल रहा है. यह कानूनी प्रक्रिया है. लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को बार बार उठा रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. देश भलीभांति इस बात को जानता है कि कांग्रेस का इस मामले में क्या रुख है. इसलिए बेहतर होगा अगर कांग्रेस इस मुद्दे पर उपदेश न दे."

कांग्रेस पर प्रहार करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस को उठाने वालों से पूछा जाना चाहिए कि अयोध्या में विवादित जमीन पर ताला किसने खुलवाया था. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 1986 में विवादित स्थल पर ताला खोलने की इजाजत दे दी थी.

"मैं राजनीतिक बयानबाजी में नहीं पड़ना चाहता. लेकिन कांग्रेस को पहले बताना चाहिए कि ताला पहले किसने खुलवाया. जो लोग 6 दिसंबर की बात उठा रहे हैं उन्हें पहले इस बात का जवाब देना चाहिए."

Indien Ayodhya Moschee Flash-Galerie Kultureller Wiederaufbau
तस्वीर: picture alliance / dpa

सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में हाई कोर्ट के फैसले से बाबरी मस्जिद को ढहाया जाना किसी भी नजरिए से सही साबित नहीं होता. कांग्रेस के मुताबिक बाबरी मस्जिद को तोड़ा जाना एक शर्मनाक और आपराधिक कृत्य था और इसके कसूरवारों को सजा मिलनी चाहिए. इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम भी कह चुके हैं कि अयोध्या विवाद पर आए फैसले से बाबरी विध्वंस का मामला कमजोर नहीं होगा.

बीजेपी प्रवक्ता निर्मला सीतारामन ने भी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला है. "यह हाई कोर्ट का फैसला है जो कुछ मुद्दों पर दायर सिविल केस में आया है. हम इस फैसले की सराहना करते हैं. लेकिन बार बार इसे बाबरी मस्जिद से जोड़े जाने की जरूरत नहीं है." अयोध्या विवाद पर हाई कोर्ट के फैसले में विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटे जाने की बात कही गई है. यह जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़े और हिंदू पक्ष को मिलेगी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: उ भट्टाचार्य