फ्रांस को काटते एशियाई ततैये
२३ अगस्त २०१४फ्रांस के कुछ इलाकों में एशियन हॉर्नेट (ततैया) या वेस्पा वेलुटिना निग्रीथोराक्स को जनता का दुश्मन माना जाता है. खतरनाक ततैये मधुमक्खियों को निगल जाते हैं और जानकारों का कहना है कि यह जैव विविधता के लिए खतरा है. यूनिवर्सिटी ऑफ टुअर्स के जीवविज्ञानी एरिक डारोजू के मुताबिक, "यह (संख्या में) विस्फोट और परेशानी खड़ी कर रहे हैं." लेकिन समाधान के कुछ प्रकार नजर आ रहे हैं. कीट नियंत्रक एटिने रोमालिहा का काम अटलांटिक तट के लांडेस प्रांत में रोजाना 6 घोंसलों को नष्ट करना है. हर घोंसले में हजारों ततैये हो सकते हैं. वे कहते हैं, "वे हर जगह मिल जाते हैं, गार्डन शेड, लेटर बॉक्स, कार के रेडिएटर और पानी के डिब्बे में. 80 फीसदी कॉल मुझे शहरों या नगरों या फिर इनके आसपास से आते हैं."
ततैये के लिए ड्रोन
रोमालिहा इनको मारने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर चुके हैं लेकिन वह पेड़ों की शाखों में फंस जाते हैं. शहरी इलाकों में ड्रोन का इस्तेमाल करना अजीब होता है साथ ही इसके इस्तेमाल के लिए परमिट की जरूरत भी है. ड्रोन के इस्तेमाल के लिए परमिट मिलना आसान नहीं. कीटनाशकों का इस्तेमाल करने के लिए वह ज्यादातर टेलीस्कॉपिक रॉड का इस्तेमाल करते हैं.
शौकीन मधुमक्खी पालक फ्रांसिस इथुरबुरू इन खतरनाक ततैयों को मारने के लिए अलग हथियार का इस्तेमाल करते हैं. मुर्गी के चूजों को ततैये पसंद है और जब ततैये मधुमक्खियों पर हमला करते हैं तो वे चूजों का भी खाना बन जाते हैं. मधुमक्खी के छत्ते के पास ततैये हेलिकॉप्टर की तरह घूमते हैं जिससे उन्हें मधुमक्खियों पर हमले करने में आसानी होता है. लेकिन यह भूखे चूजों के आसानी से शिकार हो जाते हैं. डारोजू कहते हैं, "यह एक दिलचस्प प्रजाति है. वे जिस तरह से अपने घोंसले बनाते हैं वह अद्भुत है." लेकिन वे मानते हैं कि वे एक समस्या बन गए हैं.
2012 में फ्रांस ने इस कीट को मधुमक्खी पालन के लिए हानिकारक करार दिया. पिछले साल अस्थायी रूप से सल्फर डाइऑक्साइड की मदद से इन्हें खत्म करने की इजाजत दी गई. यह प्रतिबंधित रसायन है जिसे सांस की समस्या से जोड़ा जाता है. ततैये स्पेन, पुर्तागल और इटली तक पहुंच गए. बेल्जियम में भी इनके नजर आने का दावा किया जा रहा है. अप्रैल में इन्हें ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था. ब्रिटिश संसद की रिपोर्ट में कहा गया था कि इंग्लिश चैनल को जानलेवा घुसपैठिये जल्द पार कर सकते हैं और ब्रिटिश तटों पर डेरा जमा सकते हैं. खतरे की घंटी के बीच, ब्रिटिश अखबार ने दावा किया कि फ्रांस में जानलेवा ततैयों के कारण 6 लोगों की मौत हो गई. लेकिन फ्रेंच एंटी पॉयजन सेंटर का तर्क है कि वे इंसान के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं हैं. एशियन ततैये पर शोध करने वाले और पेरिस में प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में शोधकर्ता फ्रांक मुलर के मुताबिक, "हमने मुख्य रूप से घरेलू मधुमक्खियों पर इसके प्रभाव के बारे में बात की है, लेकिन हम जैव विविधता पर इसके प्रभाव के बारे में भूल गए."
यह प्रजाति हर परिस्थिति में अपने आप को ढाल लेती है और करीब करीब कहीं भी अपने आपको जिंदा रख लेती है.
एए/ओएसजे (एएफपी)