पाइलिन के चक्र में ओडीशा और आंध्र
१२ अक्टूबर २०१३माना जा रहा है कि बंगाल की खाड़ी से उठे इस तूफान का असर करीब सवा करोड़ लोगों पर पड़ेगा जिनमें से अधिकतर लोग ओडीशा और आंध्रप्रदेश के हैं. तूफान के तट पर पहुंचने से पहले ही तेज हवाओं के कारण बिजली के खंबे और पेड़ों के गिरने की खबरें हैं. भुवनेश्वर सहित ओडीशा और आंध्र के कुछ तटीय इलाकों में बिजली बंद कर दी गई. तट से लगे गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया हालांकि कई लोगों ने बार बार मिली चेतावनी के बावजूद जाने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि सरकार पहले भी इस तरह चक्रवात की चेतावनी देती रही है लेकिन कुछ हुआ नहीं.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष शशिधर रेड्डी ने कहा कि यह देश में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए किया गया सबसे बड़ा अभियान है.
लंदन में ट्रॉपिकल स्टॉर्म रिस्क सेंटर ने इस तूफान को पांच की श्रेणी में रखा है, जो सबसे गंभीर है. वहीं अमेरिका की नौसेना मौसम सेवा के मुताबिक समंदर में हवाएं 240 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही हैं.
ओडीशा के पारादीप में 18 नाविकों को बचा लिया गया. शुक्रवार को ही यहां के बंदरगाह को खाली करवा दिया गया था. यहां से कोयले, कच्चे तेल और इस्पात का व्यापार होता है. तट पर खड़े 20 लाख बैरल की क्षमता वाले तेल के जहाज को यहां से भेज दिया गया.
तेज हवाओं के कारण अलग अलग दुर्घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई. तूफान के तट पर आते ही, गोपालपुर, गजपति, गंजम, खुद्रा, पुरी, जगतसिंहपुर, नयागढ़, भद्रक और केंद्रपारा में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है.
हावड़ा और विशाखापट्टनम के बीच की सभी ट्रेनों को निलंबित कर दिया गया और ओडीशा के तटों पर बिजली आपूर्ति रोक दी गई है. एयर इंडिया, इंडिगो और जेट एयरवेज की उड़ानें रद्द कर दी गई हैं.
बताया जा रहा है कि तूफान के असर से पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तरप्रदेश और बिहार में बारिश हो सकती है. 1999 में ऐसे ही एक भारी तूफान के कारण ओडीशा में करीब दस हजार लोगों की जान गई थी.
एएम/एनआर (पीटीआई, रॉयटर्स)