धर्म और मोक्ष के नाम पर पहले भी हुई हैं सामूहिक आत्महत्याएं
दिल्ली के बुराड़ी में रहने वाले भाटिया परिवार की कथित तौर पर मोक्ष प्राप्ति के नाम पर सामूहिक आत्महत्या ने सनसनी फैला दी थी. इतिहास में ऐसे कई दिल दहला देने वाले मामले घटित हुए हैं जो आज भी राज बने हुए है.
बुराड़ी कांड, 11 मौतें
1 जुलाई, 2018 को दिल्ली के बुराड़ी के संत नगर इलाके में एक ही घर में 11 लोगों मृत पाए गए. मामले की जांच में एक के बाद एक कई रहस्यमय सबूत मिले. पुलिस के अनुसार परिवार ने मोक्ष प्राप्ति के लिए सामूहिक आत्महत्या की. साथ ही कहा कि परिवार का इरादा मौत से लौटने का था.
गुयाना, 900 से ऊपर मौतें
18 नवंबर, 1978 को दक्षिण अमेरिका के गुयाना में 918 लोगों की सामूहिक आत्महत्या का मामला सामने आया था. वे सभी एक धार्मिक पंथ पीपल्स टेंपल ग्रुप को मानने वाले थे. इस पंथ की स्थापना करने वाले जिम जोंस ने भी आत्महत्या कर ली थी. मरने वालों में 276 बच्चे भी शामिल थे.
हेवेन्स गेट, 39 मौतें
26 मार्च, 1997 को हेवंस गेट के अनुनायियो ने कैलिफॉर्निया के रांचो सैंटा फे में सामूहिक आत्महत्या कर ली थी. सभी ने एक जैसे कपड़े पहन रखे थे और सिर पर प्लास्टिक बैग बांध रखा था. इन लोगों का मानना था कि मरने के बाद वे किसी उड़नतश्तरी में बैठकर दूसरी दुनिया यानी जन्नत तक पहुंच जाएंगे.
यूगांडा, 778 मौतें
17 मार्च, 2000 को यूगांडा में मूवमेंट फॉर द रिस्टोरेशन ऑफ द टेन कमांडमेंट्स ऑफ गॉड धार्मिक पंथ के 778 सदस्यों की मौत का मामला सामने आया. इस पंथ के अनुयायियों का मानना था कि उनका जन्म ईसा के 10 धर्मादेशों को मानने और उनका प्रचार-प्रसार करने के लिए हुआ है.
सोलर टेंपल स्यूसाइड, 23 मौतें
ऑर्डर ऑफ द सोलर टेंपल नाम के धार्मिक पंथ के सदस्यों ने 1994 में सामूहिक आत्महत्याएं कीं. उन्होंने दावे किए थे कि वे मृत्यु के बाद रात को दिखने वाले सबसे चमकीले सितारे सीरियस पर चले जाएंगे, जिसे वे जन्नत या प्रभु की दुनिया कहते थे.
राजस्थान, 5 मौतें
राजस्थान के एक परिवार ने भगवान शिव से मिलने के नाम पर जहर खा लिया था. आठ में से पांच की मौत हो गई थी. 45 साल के कंचन सिंह और उनके परिवार का मानना था कि ऐसा करने से वे स्वर्ग पहुंच जाएंगे और भगवान शिव से उनकी मुलाकात होगी.