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दलाई लामा से नहीं मिले ओबामा

९ अक्टूबर २००९

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने मुलाकात नहीं की है. 18 साल बाद ये पहला मौक़ा है जब किसी वॉशिंटन यात्रा पर गए दलाई लामा की अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात नहीं हुई.

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दलाई लामा ने कहा, समझता हूं क्यों नहीं हुई मुलाकाततस्वीर: AP

वॉशिंगटन में दलाई लामा ने कहा कि वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के उनसे मुलाक़ात न करने के फ़ैसले को स्वीकार करते हैं, और उन्हें उससे कोई निराशा नहीं हुई है. दलाई लामा ने सीएनएन से एक इंटरव्यू में कहा कि वह चीन को नाराज़ करके किसी परेशानी का कारण नहीं बनना चाहते. तिब्बती धर्मगुरु ने कहा कि, "मैं किसी के लिए असुविधा की स्थिति पैदा नहीं करना चाहता."

दलाई लामा ने कहा कि वह समझते हैं कि ओबामा चीनी राष्ट्रपति को पसोपेश और उलझन से बचाने के लिए उनसे मुलाक़ात नहीं कर रहे हैं. ओबामा अगले महीने राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली चीन यात्रा पर जाएंगे.

दलाई लामा ने कहा कि वह ओबामा के चुनाव से पहले और बाद में उनके संपर्क में रहे हैं, उनका कहन है कि "मेरा विचार है कि वह तिब्बतियों के प्रति न केवल हमदर्दी रखते हैं, बल्कि वह अमली तौर पत कुछ ठोस करना चाहते हैं."

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चीन दौरे पर जा रहे हैं ओबामातस्वीर: AP

इस बीच व्हाइट हाउस का कहना है कि ओबामा चीन यात्रा से वापसी के बाद, इसी साल बाद में दलाई लामा से मुलाक़ात करेंगे. ओबामा सरकार चीन के साथ संबंध में बेहतरी लाने का प्रयास कर रही है.

ओबामा सीनेटर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दलाई लामा से मिल चुके हैं. उन्होंने उन्हें अपने फ़ैसले से अवगत करने के लिए पिछले महीने अपनी वरिष्ठ सलाहकार वैलरी जैरट के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल भारत में धर्मशाला भेजा था.

दलाई लामा से मुलाक़ात टालने के फ़ैसले का स्पष्टीकरण देते हुए व्हाइट हाउस के प्रवक्ता रॉबर्ट गिब्स ने कहा कि दलाई लामा और उनके सहायकों से बातचीत के बाद यह सहमति हुई कि यह बैठक आगे ज़रूर होगी. गिब्स ने कहा कि वे समझते हैं कि चीन के साथ अमेरिका का अधिक सशक्त संबंध तिब्बती जनता के हित में है. उन्होंने कहा, "चीन के साथ गहरे संबंध और उसके साथ उपयोगी बातचीत के परिणाम में हमें उससे तिब्बती जनता की चिंताओं और सरोकारों पर बात करने का अवसर मिलता है."

लेकिन तिब्बत समर्थक सक्रियवादी इस बारे में आश्वस्त नहीं कि सरकार वास्तव में इन मुद्दों पर अपना सरोकार कितने आग्रह के साथ व्यक्त करती है. वे अक्सर विदेशमंत्री हिलरी क्लिंटन की उस टिप्पणी की ओर ध्यान दिलाते हैं, जो उन्होंने अपनी बीजिंग यात्रा से पहले की थी. क्लिंटन ने कहा था कि वह मानवाधिकारों पर ज़ोर देंगी.

कई अमेरिकी सांसदों ने ओबामा के फ़ैसले पर रोष व्यक्त किया है. लेकिन स्वयं दलाई लामा ने कहा कि कुछ मामलों में मुलाक़ात की एक तस्वीर भर प्रदर्शित न करना अधिक ठीक होता है.

हालांकि दलाई लामा ने कई सांसदों से मुलाक़ात की है. लेकिन ज़ाहिर है कि उनकी यह वॉशिंगटन यात्रा 2007 से काफी अलग है. तब उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के सामने संसदीय स्वर्णपदक से सम्मानित किया गया था.

रिपोर्ट: गुलशन मधुर, वॉशिंगटन

संपादन: ओ सिंह