दलाई लामा से चीन फिर नाराज़
१२ सितम्बर २००९दलाई लामा की प्रस्तावित अरुणाचल यात्रा पर चीन ने आपत्ति तो ज़ाहिर की है लेकिन भारत ने भी कह दिया है कि दलाई लामा की आगामी यात्रा पर किसी भी तरह के प्रतिबंध नहीं लगाए जाएंगे. तिब्बत की निर्वासित सरकार का कहना है कि प्रस्तावित यात्रा राजनीति से प्रेरित नहीं है और दलाई लामा वहां लोगों को संबोधित करने जा रहे हैं.
चीन ने आगामी दौरे पर कड़ी प्रक्रिया जताते हुए कहा है कि इससे दलाई लामा का चीन- विरोधी और अलगाववादी रवैया स्पष्ट होता है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ज़ियांग यू ने कहा, " दलाई लामा की तथाकथित अरुणाचल प्रदेश जाने की योजना है और हम उनकी यात्रा का विरोध करते हैं".
भारत का कहना है कि चीन का अरुणाचल प्रदेश पर कोई अधिकार नहीं है और ऐसे में चीन का विरोध बेबुनियाद है क्योंकि भारत में होने के नाते दलाई लामा कहीं भी जा सकते हैं. भारत सरकार ने कहा," दलाई लामा भारत के किसी भी कोने जा सकते हैं, उन पर कोई प्रतिबंध नहीं है."
चीन अरुणाचल प्रदेश को अपने देश का हिस्सा मानता है. तीन साल पहले भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अरुणाचल यात्रा और इस साल राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के अरूणाचल दौरे पर चीन सरकार ने नाराज़गी जताई थी.
इस बीच समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय में सहायक मंत्री आईवन लूविस तिब्बत की राजधानी ल्हासा पहुंचे जहां उन्होंने तिब्बत प्रांत के लिए और स्वायत्ता का समर्थन किया है. पिछले साल चीन की सरकार द्वारा तिब्बत में विरोध प्रदर्शनों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के बाद पहली बार ब्रिटेन की सरकार का कोई प्रतिनिधि वहां पहुंचा है.
रिपोर्ट- एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन
संपादन- एस गौड़