दलाई लामा को वारसा की नागरिकता
३० जुलाई २००९वारसा में शाही क़िले पर हज़ारों की भीड़ को संबोधित करते हुए दलाई लामा ने कहा, "मैं बेहद ख़ुश हूं कि मुझे इस मशहूर शहर का नागरिक बनाया गया है." उन्होंने कहा कि पोलैंड के लोगों ने मुश्किल वक़्त में भी हिम्मत नहीं हारी और पोलैंड ने 1989 में कम्युनिस्ट शासन के पतन के बाद यूरोपीय रुपांतरण में अहम भूमिका निभाई है.
इससे पहले वारसा के नगरपालिका के सदस्यों ने एकमत से प्रस्ताव पास करके दलाई लामा को मानद नागरिकता प्रदान की. उन्होंने दलाई लामा के "शांतिपूर्ण, बौद्धिक संघर्ष" की तारीफ़ की.
इसके बाद दलाई लामा जर्मनी के लिए रवाना हो गए. जर्मन राज्य हेसे में उन्होंने मुख्यमंत्री रोनाल्ड कोख से मुलाक़ात की. कोख़ लंबे समय से दलाई लामा के समर्थक रहे हैं. कोख ने कहा कि उनके राज्य हेसे को दलाई लामा से बहुत सहानुभूति है जो तिब्बती लोगों की आज़ादी और पहचान के लिए शांतिपूर्ण तरीक़े से संघर्ष कर रहे हैं. दलाई लामा सोमवार तक हेसे में रहेंगे.
दलाई लामा की पश्चिमी देशों में एक रॉकस्टार की तरह पूजा होती है. जानकारों के मुताबिक़ दलाई लामा चीन के साथ तिब्बत के दर्जे को लेकर समस्या का राजनीतिक हल ढूंढने में ज़्यादा योगदान नहीं दे सकते हैं. फिर भी उन्हें प्रतीकात्मक रूप से एक महत्वपूर्ण शक्ति माना जाता है.
लगता है कि जितना ज़्यादा चीन उन्हें देशद्रोही बताता है, उतना ही ज़्यादा उन्हें पश्चिमी देशों में पसंद किया जाता है. चीन मामलों के विशेषज्ञ यारी ग्रोसे रुएकन का कहना है कि इसकी वजह यह है कि तिब्बत का आकर्षण पश्चिम में बहुत ज़्यादा है.
दलाई लामा को शांतिपूर्ण तरीक़े से अपनी जनता को चीनी कब्ज़े से बचाने के लिए 1989 में शांति नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. रिकॉर्ड 44 विश्वविद्यालयों से उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिली है.
दलाई लामा कहते हैं, "हर व्यक्ति अपने अंदर दया पैदा कर सकता है. मैं एक बौद्ध भिक्षु हूं, इसलिए मैं हमेशा यह प्रश्न पूछता हूं कि हर चीज़ के पीछ प्रेरणा क्या है. हर काम चाहे वह सकरात्मक हो या नकरात्मक. किसी को नष्ट करने के पीछे भी प्रेरणा होती है. अगर कोई हिंसा का इस्तेमाल करता है तो वह भी प्रेरणा पर ही निर्भर करता है."
दलाई लामा फ्रैंकफर्ट में एक सम्मेलन में भाग लेंगे. अनुमान है कि फ्रैंकफर्ट के स्टेडियम में हर दिन 10, 000 से भी ज़्यादा लोग उन्हें देखने के लिए आएंगे.
2007 में जर्मन चांसेलर अंगेला मैर्कल ने जब दलाई लामा का स्वागत किया था तो चीन के साथ जर्मनी के रिश्ते अचानक तनावपूर्ण हो गए थे. इस बार वे मैर्केल से नहीं लेकिन उनकी सरकार के एक प्रतिनिधि जर्मनी की विकास मंत्री हाईडेमारी विचोरेक ज़ोएल से मिलेंगे.
तिब्बतियों के सर्वोच्च धार्मिक नेता दलाई लामा इस साल दूसरी बार जर्मनी की यात्रा कर रहे हैं. उन्होंने अब तक 35 बार जर्मनी की यात्रा की है. इतनी बार वह किसी अन्य देश के दौरे पर नहीं गए हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/प्रिया एसेलबोर्न
संपानः ए कुमार