ट्रंप की जीत पर जश्न मना रहे हैं आईएस के समर्थक
१४ नवम्बर २०१६चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने अमेरिकी चुनाव से पहले कहा था कि रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप और डेमोक्रैट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन, दोनों में कोई ज्यादा फर्क नहीं है. लेकिन जैसे ही ट्रंप की जीत की खबर आई तो आईएस के समर्थकों ने सोशल मीडिया और चैट एप्स ग्रुप में जश्न मनाना शुरू कर दिया.
एक पोस्ट में कहा गया, "जश्न मनाओ, अब वो अमेरिका का बदसूरत चेहरा दिखाएंगे.” एक अन्य यूजर ने लिखा, "मैं ट्रंप को लेकर बहुत आशावादी हूं क्योंकि वो मूर्ख है, घमंडी है और अति आत्मविश्वासी हैं और वो जॉर्ज बुश से भी ज्यादा मूर्ख हैं.”
इस्लामिक स्टेट के समर्थक एक पोस्टर को इंटरनेट और सोशल मीडिया पर खूब चला रहे हैं जिस पर लिखा है, "ट्रंप की अश्लीलता (अरब) तानाशाहों को शर्मिंदा करेगी और इससे जिहाद का दायरा बढ़ेगा.” एक यूजर ने लिखा, "ट्रंप का जीतना हमारे हक में होगा.”
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उनका इशारा शायद चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप की कही इस बात की तरफ था कि अमेरिका में मुसलमानों के आने पर पूरी तरह रोक लगा दी जाए. सऊदी अरब के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर भी ट्रंप सुर्खियों में रहे. ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अमेरिका के समर्थन के बिना सऊदी अरब ज्यादा समय तक टिका नहीं रह सकता.
वैसे इस्लामिक स्टेट ने आधिकारिक तौर पर ट्रंप की जीत पर कुछ नहीं कहा है. चुनाव से पहले इस्लामिक स्टेट ने सोशल मीडिया पर एक अंग्रेजी लेख में कहा था कि क्लिंटन और ट्रंप, दोनों ने ही यहूदी देश इस्राएल की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर प्रतिबद्धता जताई है.
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वैसे कुछ आईएस समर्थकों ने ट्रंप की जीत पर अमेरिका में होने वाले प्रदर्शनों पर भी खुशी जताई है. एक यूजर ने लिखा, "अगर हम उनके देश में असंतोष और परेशानियां पैदा कर पाएं तो वे इराक और सीरिया से हटने के बारे में सोचेंगे.”
जॉर्डन में रहने वाले अल कायदा के एक विचारक अबु मोहम्मद अल मकदीसी ने अमेरिका में ट्रंप विरोधी प्रदर्शनों को तवज्जो दी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "ट्रंप का शासन अमेरिका में विभाजन की शुरुआत कर सकता है और इससे अमेरिका में टूट का दौर शुरू हो सकता है.” वैसे इन थोड़े से चरमपंथियों की बात छोड़ दें तो अमेरिका और दुनिया भर में ज्यादातर मुसलमान ट्रंप की जीत से डरे हुए हैं.
एके/आरपी (एएफपी)