जैव विविधता बिगाड़ती प्रजातियां
७ नवम्बर २०१४हवाओं के साथ बीज उड़ते हैं, जानवर पानी पर तैरते और उड़ते हैं लेकिन सभी अटलांटिक या एंडीज को पार करने के सक्षम नहीं हैं. योजना के साथ या अप्रत्याशित तरीके से इंसान विभिन्न प्रजातियों को किसी इलाके में ले जाते हैं लेकिन इलाके के लिए अजनबी जल्द ही आक्रमणकारी बन जाते हैं और उनसे देशी वनस्पतियों और जीवों के नष्ट होने का जोखिम बना रहता है.
चिली में तेजी से फैलने वाली प्रजातियों में विशेषज्ञता रखने वाले वैश्विक पर्यावरण कोष के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर फर्नांडो बेएर्सिव्ल के मुताबिक, "जब हम जैव विविधता को खोते हैं तब हम आनुवांशिक सामग्री के एक बैंक को खोने लगते हैं. जिसकी जरूरत हमें खाना या फिर दवाएं बनाने के लिए होती हैं." उत्तरी अमेरिका और यूरोप में ऊदबिलाव प्राकृतिक वास के साथ संतुलन बनाकर रहते हैं. लेकिन पेटागोनिया में देशी पेड़ उतनी तेजी से नहीं उगते जिससे जानवरों की विनाशकारी शक्तियों के साथ तालमेल बिठाया जा सके.
ऊदबिलाव जिन पेड़ों को गिरा देते हैं उसको लेकर वह तीन मीटर ऊंचा डैम का निर्माण करते हैं. इन संरचनाओं से जलमार्ग में परिवर्तन होता है और नदियों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है. पेटागोनिया में उनके आने के कुछ साल बाद ही इस जानवर ने क्षेत्र के आसपास अपना विस्तार किया और वे इतनी तेजी से फैले कि उनको नियंत्रित करना मुश्किल साबित हो रहा है. अर्जेंटीना और चिली में अधिकारियों ने इस जानवर के शिकार की मंजूरी दे दी है. चिली और अर्जेंटीना अब पूरी तरह से पेड़ चबाने वाले जानवरों से छुटकारा पाने का संकल्प कर चुके हैं.
जानकारों के मुताबिक प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के अलावा आक्रामक प्रजातियां हमारे ग्रह के लिए सबसे विनाशकारी चुनौतियों में से एक हैं. इक्वाडोर के गालापागोस राष्ट्रीय उद्यान के प्रबंधक विक्टर करिओन के मुताबिक, "जलवायु परिवर्तन कुछ प्रजातियों के लिए उतनी ही अतिसंवेदनशीलता पैदा कर रहा है जितना आक्रामक प्रजातियों से हो रहा है."
चिली यूनिवर्सिटी ने एक शोध किया जिसमें पता चला कि अर्जेंटीना, चिली, बोलिविया, कोलंबिया, पेरू और वेनेजुएला जैसे देशों में 119 विदेशी आक्रामक प्रजातियां हैं, जिनमें से 27 जैव विविधता के लिए खतरा बने हुए हैं. इनमें यूरोपीय ततैया, लाल हिरण और जंगली सूअर शामिल हैं. इसी तरह से फूलों के साथ भी हो सकता है. हम ऐसे फूल को देखते हैं और वह हमें पसंद आ जाते हैं तो हम उस पेड़ को अपने घर में लगा देते हैं. नतीजे पारिस्थितिक आपदा पैदा कर सकते हैं. ऐसा ही कुछ ब्लैकबेरी की झाड़ियों के साथ भी होता है. पेड़ों के नीचे की जमीन पर यह झाड़ियां आक्रमण कर देती हैं और अन्य पेड़ों को प्रकाश संश्लेषण से रोक देती हैं इसके अलावा यह पेड़ों का पानी भी पी जाती हैं.
एए/एमजे (एएफपी)