जानवर छूटें तो कैसे?
९ सितम्बर २०१३सालों से कोस्टा रिका अपनी जैव विविधता के लिए मशहूर है. वहां सर्कस और दूसरे खेलों में भी जानवरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है. अब वहां के अधिकारी देश के आखिरी बचे दो चिड़ियाघरों को भी बंद करने की तैयारी में हैं. अगर यह योजना लागू होती है तो जानवरों को अगले साल तक जंगलों में छोड़ दिया जाएगा या फिर संरक्षण केन्द्रों में भेज दिया जाएगा.
कोस्टा रिका के राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए जिम्मेदार संस्था सिनाक के संयोजनक खोरखे हेर्नांडेस ने बताया, "हम कोस्टा रिका के लोगों को प्रकृति के नजदीक लाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए जानवरों को कैद नहीं प्राकृतिक वातावरण में रखना जरूरी है. हम चिड़ियाघरों को बोटैनिकल गार्डन में बदलने के बारे में सोच रहे हैं जिनमें तितलियां और छोटे जानवर तो होंगे लेकिन तेंदुए जैसे बड़े जानवर नहीं होंगे." उन्होंने बताया कोस्टा रिका में चिड़ियाघरों में इस समय चार लाख जानवर हैं जबकि 1999 में इनकी संख्या ढाई लाख थी. सरकार इस संख्या को बचाए रखने की कोशिश कर रही है.
क्या हैं मुश्किलें
यह इतना आसान नहीं कि पिंजरा खोला और जानवरों को आजाद कर दिया. जानवरों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था बॉर्न फ्री फाउंडेशन के क्रिस ड्रेपर कहते हैं, "इसमें कई सारी दिक्कतें हैं जैसे जानवरों को नए वातावरण से परिचित कराना. जो जानवर कुछ दिनों से ही कैद में हैं उनके लिए भी यह दिक्कत की बात है."
कोस्टा रिका के राष्ट्रीय पशु उद्यान की महानिदेशक योलांदा मातामोरोस मानती हैं कि कई ऐसे जानवर हैं जो बचपन में ही चिड़ियाघर ले आए गए थे या यहीं पैदा हुए हैं. उन्होंने अब तक का अपना अधिकांश जीवन चिड़ियाघर के अंदर ही बिताया है. वातावरण बदलना उनके लिए खतरनाक हो सकता है. उन्होंने कहा, "ऐसे में जानवरों को छोड़ देने का मतलब है उन्हें खतरनाक मौत के लिए छोड़ देना." उन्हें डर है कि जंगलों में पहले से रह रहे खूंखार जानवर इन जानवरों को मार डालेंगे.
संरक्षण गृह
अगर यह योजना लागू होती है तो जानवरों को अगले साल संरक्षण केंद्र में ले जाया जाएगा लेकिन मातामोरोस की दलील है कि ये संरक्षण केंद्र चिड़ियाघर जैसे ही हैं. कोस्टा रिका में कानूनी तौर पर संरक्षण केंद्र वे होते हैं जहां दर्शक नहीं जा सकते हैं. मातामोरोस का कहना है कि कोस्टा रिका में संरक्षण केंद्र पर्यटकों को भी आने देते हैं और जानवरों को दिखाने के लिए उनसे पैसे भी वसूलते हैं. मातामोरोस कहती हैं, "उनका मकसद रहता है पैसे बनाने के लिए जानवरों को अपने यहां रखना"
हेर्नांडेस ने इस बात से इनकार नहीं किया कि संरक्षण गृहों में पैसे लगते हैं लेकिन वह इसे चैरिटी में दान किए गए पैसे मानते हैं जानवरों को देखने के लिए शुल्क नहीं.
सुविधाओं की कमी
मातामोरोस का यह भी मानना है इन संरक्षण गृहों में कोस्टा रिका के चिड़ियाघरों जैसी सुविधाएं मुहैया नहीं हैं. उन्होंने बताया कि 28 संरक्षण गृहों में से सिर्फ एक में ही जानवरों का अस्पताल है और किसी में भी जानवरों के लिए आहारविज्ञ नहीं हैं. हेर्नांडेस इसके जवाब में कहते हैं कि भले इन संरक्षण केंद्रों में अस्पताल और डॉक्टर ना हों लेकिन वे बाहरी अस्पतालों की मदद लेते हैं.
दूसरी तरफ चिड़ियाघरों की देख रेख करने वाली संस्था फंडाजू का कहना है कि उनके पास इन चिड़ियाघरों की देखरेख के लिए 2024 तक का करार है. अगर ऐसा है तो सरकार को उन्हें 2012 में ही बता देना चाहिए था. उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें मार्च 2013 में इस योजना के बारे में बताया और 21 जुलाई को कहा कि वे चिड़ियाघरों को बंद करने जा रहे हैं.
रिपोर्टः सोन्या डाइन/ एसएफ
संपादनः एन रंजन