एनएसए के पास अरबों एसएमएस
१८ जनवरी २०१४गार्डियन अखबार के साथ ब्रिटेन के चैनल 4 ने भी यह खबर दी है कि एनएसए हर दिन दुनिया भर के लोगों के एसएमएस जमा कर रहा है और इसके जरिए उनके कॉन्टेक्ट भी जमा कर रहा है. साथ ही इस बात पर भी नजर रखी जा रही है कि लोग किस वक्त कहां हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 'डिशफायर' नाम का सॉफ्टवेयर "लगभग हर चीज जमा कर लेता है". इसमें मिस्ड कॉल तक शामिल है.
किसी और प्रांत या देश जाते समय फोन कंपनियां लोगों को रोमिंग के बारे में जानकारी देने के लिए जो एसएमएस करती हैं वे भी एनएसए तक पहुंचते हैं ताकि वे लोगों की हर हरकत पर नजर रख सकें. यहां तक कि बैंक के संदेशों के जरिए फोन इस्तेमाल करने वालों के क्रेडिट कार्ड की भी सारी जानकारी निकाली जा सकती है.
एनएसए की सफाई
एनएसए ने इस पर अब तक कोई सफाई नहीं दी है. ताजा रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर एनएसए ने एक बार फिर बस इतना ही दोहराया, "जैसा कि हमने पहले भी कहा है, यह सोच कि एनएसए मनमानी कर रहा है और कुछ भी जमा कर रहा है, गलत है." इस खबर के आने से पहले एनएसए ने कहा था कि वह बिना सोचे समझे कोई भी एसएमएस जमा नहीं कर रहा है, बल्कि उसकी सभी गतिविधियों में बहुत ही सख्ती से कानून का पालन किया गया है, "डिशफायर एक ऐसा सिस्टम है जो कि कानून के दायरे में ही एसएमएस जमा करता है."
एनएसए का कहना है कि शक के बिनाह पर लोगों का डाटा इकट्ठा किया जाता है और इस दौरान ऐसा हो सकता है कि सिस्टम गलती से आम नागरिकों के एसएमएस भी जमा कर ले. लेकिन जैसे ही इन पर नजर जाती है इन्हें फौरन सिस्टम से हटा दिया जता है.
ब्रिटेन भी शामिल
गार्डियन और चैनल 4 का यह साझा खुलासा एडवर्ड स्नोडेन द्वारा दी गयी जानकारी पर आधारित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी जीसीएचक्यू ने भी एनएसए द्वारा जमा किए गए डाटा का इस्तेमाल किया. एजेंसी ने ब्रिटेन के उन लोगों के एसएमएस भी देखे जिन पर किसी तरह का कोई शक नहीं था. रिपोर्ट में 2011 की एनएसए की एक प्रेजेंटेशन का जिक्र किया गया है जिसका नाम है "एसएमएस टेक्स्ट मेसेजेस: ए गोल्डमाइन टू एक्सप्लॉइट".
आईबी/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)