इतिहास में आजः 24 अप्रैल
२४ अप्रैल २०१४वैसे तो 24 अप्रैल के दिन जब राना प्लाजा में कपड़ा मजदूर काम करने आए, उससे पहले ही अधिकारी और कारखाना मालिक जानते थे कि इमारत में दरारें पड़ी हैं. लेकिन फिर भी यहां चलने वाली कपड़ा फैक्ट्री और कई अन्य दुकानें पूरी तरह बंद नहीं की गई थी. उस दिन सुबह आए गरीब मजदूरों ने सोचा भी नहीं होगा कि आज का दिन उनके जीवन को पूरी तरह बदल कर रख देगा. 24 अप्रैल 2013 के दिन जब ढाका की राना प्लाजा इमारत ढही तो उसमें करीब 5000 लोग काम कर रहे थे. 2000 के करीब घायल हो गए और 1,138 मारे गए.
बांग्लादेश की कपड़ा फैक्ट्रियों में एक के बाद एक दुर्घटनाएं हो रही थीं और राना प्लाजा के साथ ही सारी दुनिया का ध्यान इन पर खिंचा. क्योंकि बांग्लादेश की जिन फैक्ट्रियों में आग लगने की या इमारत ढहने की दुर्घटनाएं हो रही थीं, वहां बुरे हालात में काम करने वाले मजदूर विदेशी कंपनियों के लिए कपड़े बनाते हैं. इसके बाद नियमों और कानूनों को बदलने की ताकीद की गई. मजदूरों के हालात सुधारने का वादा किया गया. उम्मीद ही की जा सकती है कि जल्द हालात बेहतर होंगे और मजदूरों को ज्यादा अधिकार और तनख्वाह मिलेगी.