अर्जेंटीना में गर्भपात को वैध बनाने के लिए मतदान
२९ दिसम्बर २०२०गर्भपात के मुद्दे पर दो फाड़ हुई सीनेट मंगलवार को मतदान के जरिए तय करेगी कि अर्जेंटीना में गर्भपात को वैध होना चाहिए या नहीं. विशेषज्ञों का कहना है कि फैसला किसी भी तरफ जा सकता है.
राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज ने इस बिल का प्रस्ताव रखा था. कैथोलिक चर्च और इवैंजेलिक ईसाइयों के कड़े विरोध के बावजूद संसद के निचले सदन चैंबर ऑफ डेप्युटीज ने 11 दिसंबर को इस बिल को मंजूरी दे दी.
फर्नांडीज का कहना है, "मैं कैथोलिक हूं, लेकिन मुझे सभी के लिए कानून बनाना है. हर साल लगभग 38,000 महिलाओं को (गुप्त रूप से) गर्भपात कराने के लिए अस्पताल जाना पड़ता है और (1983 में) लोकतंत्र बहाली के बाद से 3,000 से अधिक महिलाएं इस कारण मारी गई हैं."
जन्म और मृत्यु
सरकार का कहना है कि तकरीबन 4.4 करोड़ की आबादी वाले देश अर्जेंटीना में एक साल में 3.7 लाख से 5.2 लाख अवैध गर्भपात होते हैं. दो साल पहले इसी तरह का बिल निचले सदन में पारित हुआ, लेकिन सीनेट में इसे मंजूरी नहीं मिली. मौजूदा बिल का लक्ष्य है 14 सप्ताह तक स्वैच्छिक गर्भपात को वैध बनाना. फिलहाल सिर्फ दो मामलों में गर्भपात की अनुमति है. पहला बलात्कार और दूसरा जब मां के जीवन को खतरा हो.
कोरोना महामारी को रोकने के उपायों के बावजूद, गर्भपात के समर्थक और विरोधी, दोनों ही ने संसद के सामने प्रदर्शन करने की योजना बनाई है. कैथोलिक चर्च और इवैंजेलिक चर्चों के नेताओं ने अपने समर्थकों से कहा है, "अजन्मे जीवन के सम्मान और देखभाल के लिए एकजुट हों." ईसाई नेताओं का कहना है, "जन्म और मृत्यु का समय सिर्फ भगवान तय करता है और इस मामले में वह इंसान के हस्तक्षेप को रोकता है."
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अहम परीक्षा
फर्नांडीज के सत्ताधारी गठबंधन के पास 72 सदस्यों वाली सीनेट में 41 सीटें हैं. फिर भी यह मतदान उनके लिए कड़ी परीक्षा है. सत्ताधारी गठबंधन में भी हर कोई इस बिल के समर्थन में नहीं है, जबकि ज्यादातर दक्षिणपंथी नव-उदारवादी विपक्ष इसके विरोध में है.
सत्ताधारी गठबंधन की एक सीनेटर नैन्सी गोंजालेज का कहना है, "सीनेट में कई वोट ऐसे हैं जिनका फैसला अभी तक नहीं हुआ है. उनका पता अंत में ही चलेगा."
परिणाम दो गर्भपात विरोधी सीनेटरों की अनुपस्थिति के कारण प्रभावित हो सकता है. एक यौन शोषण का आरोप लगने के कारण वोटिंग के समय मौजूद नहीं रह सकेंगे, जबकि 90 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति कार्लोस मेनम अस्पताल में भर्ती हैं जहां उनके हृदय और गुर्दे के दर्द का इलाज चल रहा है.
अगर मतदान में कोई निर्णय नहीं हुआ तो फैसला सीनेट अध्यक्ष क्रिस्टीना किर्शनर लेंगी. किर्शनर देश की पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान उप-राष्ट्रपति हैं. दो साल पहले गर्भपात विरोधी अपना नजरिया बदलकर वह इसके समर्थकों में शामिल हो गईं.
बहुत हुआ
कॉर्डोबा विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजिकल म्यूजियम के निदेशक फाबियोला हेरेडिया ने सोशल मीडिया पर लिखा, "यह (गर्भपात) कानून को आखिरकार मंजूरी देने का मौका है. बहुत हो चुका. आपराधीकरण, कलंक और ऐतिहासिक रूप से गर्भवती महिलाओं की स्वतंत्रता को दबाने वाली रणनीति बंद होनी चाहिए." गर्भपात समर्थक कई वर्षों से गर्भपात कानूनों को बदलने के लिए अभियान चला रहे हैं, जो 1921 से देश में चले आ रहे हैं.
लैटिन अमेरिका में सिर्फ क्यूबा, उरुग्वे, गुयाना और मेक्सिको सिटी में गर्भपात कानूनी है. अल सल्वाडोर, होंडुरास और निकारागुआ में यह पूरी तरह से प्रतिबंधित है और यहां महिलाओं को गर्भपात के लिए जेल की सजा हो भी सुनाई जा सकती है.
एसएस/एके (एएफपी)
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