1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अपना देश छोड़ भागते बच्चे

४ जुलाई २०१४

अमेरिका और मेक्सिको की सीमा से हर दिन सैकड़ों लोग गैरकानूनी तौर पर उत्तरी अमेरिका में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. गरीबी और हिंसा से त्रस्त होकर अपने देश से भाग रहे इन लोगों में कई किशोर और काफी छोटे बच्चे भी हैं.

https://p.dw.com/p/1CVPo
तस्वीर: Reuters

पिछले एक साल के अंदर ही 18 साल से कम उम्र के करीब 50 हजार युवा गैरकानूनी तौर पर मेक्सिको से अमेरिका में घुस गए. हर दिन सीमा पर ऐसे युवाओं और बच्चों का जमावड़ा होता है जो अपने देश में फैली गरीबी और हिंसा से दूर भाग कर अमेरिका में एक नया जीवन बसाने का सपना देखते हैं. अमेरिका के एक प्रमुख थिंक टैंक 'पिऊ रिसर्च सेंटर' के आंकड़ों की मानें तो पिछले कुछ सालों से मेक्सिको और दूसरे सेंट्रल अमेरिकी देशों से आने वाले शरणार्थियों की तादाद दुगनी हो रही है. इस स्थिति के आगे आने वाले सालों में भी जारी रहने और बढ़ने की शंका जताई जा रही है.

अल सेल्वाडोर, ग्वाटेमाला और होंडुरास गैसे गरीब देशों के कई युवा हर दिन सीमा पार करने की कोशिश करते हैं. ग्वाटेमाला और आसपास के राज्यों में कई मासूम लोग आपराधिक गुटों के बीच चलने वाली आपसी हिंसा की चपेट में आ जाते हैं. संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों से जुड़ी सुरक्षा अधिकारी लेस्ली वेलेज कहती हैं कि हिंसाग्रस्त इलाकों से भाग कर आए हुए लोगों को दूसरे देश में शरण लेने का पूरा अधिकार है. वेलेज बताती हैं, "अगर कोई देश सीमाओं से प्रवेश कर आए हुए ऐसे लोगों को अपने यहां शरण लेने का मौका नहीं देती तो यह समझौते का उल्लंघन होगा."

खतरनाक यात्राएं

Mexiko Drogenmafia Tempelritter Kartel 2014
मेक्सिको में ड्रगमाफिया युवाओं से कई गैरकानूनी काम करवाते हैंतस्वीर: Alfredo Estrella/AFP/Getty Images

जर्मनी के हैम्बर्ग में जीआईजीए इंस्टीट्यूट की रिसर्चर इजाबेल रोजालेस कहती हैं, "यह लोग केवल ज्यादा पैसे कमाने के लालच में इतनी खतरनाक यात्राएं नहीं करते हैं, बल्कि इसलिए करते हैं क्योंकि अपने देश में फैली हिंसा के कारण उनका वहां रहना असंभव हो जाता है." इन देशों में पढ़ाई लिखाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता और आपराधिक गुट इस बात का पूरा फायदा उठाकर बच्चों, महिलाओं और युवाओं का कई तरह से शोषण करते हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मामले की गंभीरता को मानते हुए फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी (एफईएमए) और होमलैंड सेक्योरिटी विभाग को संकट को सुलझाने के लिए कदम उठाने को कहा है. मानवाधिकार के लिए काम करने वाले कई लोग मानते हैं कि सरकार ने बहुत देर से अपनी प्रतिक्रिया दी है. वे मांग कर रहे हैं कि सीमा पार से आने वालों की सही तादाद का पता किया जाए और साथ ही उनके पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.

रिपोर्टःएफान रोमेरो कास्टिलो/आरआर

संपादनः ईशा भाटिया